उमा का जवाब
उमा के पति रमेश ने अपने बड़े बेटे को फोन किया और कहा – गीता दीदी की डिलीवरी आने वाली ही है। तू फटाफट अस्पताल में आ जा। यकायक रमेश ने गीता के ससुराल वालों को भी फोन करके अस्पताल में बुला लिया। सभी रिश्तेदार अस्पताल में गीता की डिलीवरी की बाट जोहकर खड़े थे। तभी ऑपरेशन वार्ड से शिशु के रोने की आवाज ना आकर गीता के रोने की आवाज सुनकर सभी विस्मित रह गये। घरवाले तुरंत गीता के पास पहुंचे तो देखा कि गीता को लड़की हुई है और गीता इस बात से दुःखी होकर विलाप कर रही है। क्षणभर में ही गीता ने रो-रोकर पूरे अस्पताल को सिर पर उठा लिया। तभी उमा ने गीता के सिर पर आहिस्ता हाथ रखते कहा – गीता ! बेटा या बेटी सब ऊपर वाले की देन है। उसके दिए गये उपहार को खुशी-खुशी स्वीकार करना सीख ! सोच कि मैंने भी तेरे जन्म के वक्त इस कदर रोकर हंगामा खड़ा किया होता तो…? उमा के जवाब के बाद गीता अब शांत हो गई थी।
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