काका कलाम
कभी नहीं सोचा था इतनी दूर चले जाओगे ।
हे !काका कलाम भारत में अब फिर कब आओगे ?
कब आओगे भारत को तकनीक नई बतलाने फिर?
कब आओगे भारत माँ का आँचल अब महकाने फिर?
माँ भारती बहुत रोईं जब आप छोडकर चले गए
कब आओगे काका! हिंदुस्तान को राह दिखाने फिर ?
कर्मयोग नवयुवको को कब आकर बतलाओगे !
हे काका कलाम…………………………………
कब आओगे गीता और क़ुरान सजाने साथ साथ?
कब आओगे राम रहीम को गले लगाने साथ साथ?
हे कलयुग के देव पुरुष यह यह बतलाओ कब आओगे-
छात्र और एक शिक्षक का किरदार निभाने साथ साथ ?
कब अबोध बच्चों के जैसे मंद मंद मुस्काओगे ?
हे! काका कलाम ……………………………….
__________ डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी