छन्द मुक्त रचना
1. मर रहे है भूमिपुत्र,कुछ तो ख्याल करे।
दे इन्हें मुक्त बीज,व्यर्थ न सवाल करे।।
नहरें नही है जहाँ,वहां भी संभाल करें।
खून पसीना बहाते जो,यूँही धमाल करे।।
2. वर्णमाला सीखने की उम्र में,कचरे में हीरे खोज रहे है।
ये हिन्द की ही संतान है,पापी पेट के लिए सोच रहे है।।
3. वेश पर ध्यान दो,परिवेश पर ध्यान दो।
चाहते हो देश को तो,देश हित जान दो।।
4. देश का विकास हो,बस इतना ध्यान हो।
आजादी कैसे मिली,बस इतना सा भान हो।।
5. अब कागज की चिट्ठी नही आती
किसी के घर की खुशखबरी नही आती
पहले करते थे प्रतीक्षा समाचारों की
सुख दुख की बातें अब समझ नही आती
कवि राजेश पुरोहित