“हाइकु”
कल की बात
आस, विश्वास, घात
ये मुलाक़ात॥-1
दिखा तमाशा
मन की अभिलाषा
कड़वी भाषा॥-2
दुर्बल काया
मनषा मन माया
दुख सवाया॥-3
मान सम्मान
शुभ साँझ बिहान
विहंगा गान॥-4
अपने गांव
शीतल नीम छांव
सुंदर ठांव॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
कल की बात
आस, विश्वास, घात
ये मुलाक़ात॥-1
दिखा तमाशा
मन की अभिलाषा
कड़वी भाषा॥-2
दुर्बल काया
मनषा मन माया
दुख सवाया॥-3
मान सम्मान
शुभ साँझ बिहान
विहंगा गान॥-4
अपने गांव
शीतल नीम छांव
सुंदर ठांव॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी