उदास रात
चीज छोटी सी है ,लेकिन जनाब दे जाओ ।
मेरे टूटे हुए दिल का हिसाब दे जाओ।
सिर्फ तन्हाई है बस दूर तक अंधेरा है,
उदास रात है कोई तो ख्वाब दे जाओ।
जिंदगी काली रात ,चाँद सा चेहरा तेरा ,
तुम चली आओ ,या कि माहताब दे जाओ ।
मुस्करा करके जा रहे हो इसे क्या समझूँ,
सवाले इश्क का मुझको जवाब दे जाओ।
सजा के रक्खूँगा ताउम्र मैं किताबों में,
प्यार मत करना, तुम लेकिन गुलाब दे जाओ ।
© डा. दिवाकर दत्त त्रिपाठी