“गीतिका”
जगमग अवली दीप हमारे
सुंदर साख प्रदीप हमारे
अनुपम पुंज प्रकाश पर्व यह
रोशन चित नवदीप हमारे।।
चाँद छुपा है रात दिवाली
आभा अति प्रियदीप हमारे।।
शोर शराबा किलक पटाखे
हरषित प्रिय कुलदीप हमारे।।
रंगोली घर घर पहुनाई
झिलमिल झाँकी दीप हमारे।।
आव भगत अरु कुशलम क्षेमा
सुंदर छवि प्रतिदीप हमारे।।
“गौतम” अयन नयन खुशहाली
रघुवर कोशल दीप हमारे।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपूरी