कविता

नही चलता मेरा मुझपर असर तेरे बिना
नही रहती अब मेरी खबर मुझे तेरे बिना

जमाने को मुस्कराकर मैँ मिलती रहती हू
पर हर मुस्कराहट खिलती नही तेरे बिना

तुझे सोचना,तुझे चाहना और तेरा दीदार ही
नही रह पाता अब मेरा ध्यान कही तेरे बिना

जी तो रही हू ये जिंदगी अपने आप में
मगर जीती नही हू कोई पल मैं तेरे बिना

इक तेरा साथ मिले बस यही तमन्ना है
कि नही कटता ये तन्हा सफर तेरे बिना

एकता सारडा

*एकता सारदा

नाम - एकता सारदा पता - सूरत (गुजरात) सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन प्रकाशित पुस्तकें - अपनी-अपनी धरती , अपना-अपना आसमान , अपने-अपने सपने [email protected]