भरोसा छोड़िए
गैर पर करना भरोसा छोड़िये
साथ अपनों का न रहना छोड़िये
नेक नीयतें आपकी सबके लिए
दोस्त से चुगली लगाना छोड़िये
रूप तेरा तो निखरता ही रहे
पर कभी पार्लर न जाना छोड़िंये
यार की हर बात को माना करे
फालतू तकरार करना छोड़िये
जन्म माँ ने जब दिया आपको सदा
दर्द उसको आज देना छोड़िये
— डॉ मधु त्रिवेदी