कविता

“पिरामिड”

रे

गुँजा

बावरी

मदमाती

उन्मुक्त बाँदी

घुँघराले बाल

लहराए नागिन॥-1

रे

गुँजा

भ्रामरी

सुनयना

घुँघची अली

मनचली गली

नव खेल खिलाती॥-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ