” ऐसे हैं अंदाज़ ” !!
सिर पर है
फूलों का ताज !
गहरी आंखें ,
डूब न जाना !
अधर जानते ,
राज़ छुपाना !
दिल जीतना –
सीखा हमने ,
ऐसे हैं अन्दाज़ !!
लिपे पुते हैं ,
चेहरे अपने !
रोज़ बेचते ,
हैं हम सपने !
देह सजी है –
कैद ख्वाहिशें ,
इधर कई हैं बाज़ !!
मुस्कानों पर ,
कभी न जाना !
इनका ना है ,
ठौर ठिकाना !
महज़ दिखवा ,
खुशियों का ,
राह भटकती लाज !!
अनजाने से ,
लक्ष्य कई !
यहां खोलते ,
रोज़ बही !
हासिल करना
बड़ा कठिन है ,
यहां गिरे कब गाज !!