बुलाना होगा
कदम-कदम पर जाना होगा
दिल का दर्द छुपाना होगा
किसकी आँखो में हैं प्यार
नजरें देख चुराना होगा
तकती रहती वो एक नज़र
लगता प्यार पुराना होगा
दिल दे दिया मुझको उसने
सोचा शख्स बुरा ना होगा
यदि नहीं हाले दिल मंजूर
फिर से प्यार लौटाना होगा
बिन प्रेम-प्यार के पतंग उड़ाए
ऐसे ना कोई रुलाना होगा
जो गुजरी हवा के झोंके सी
दिल से उन्हें बुलाना होगा
— जालाराम चौधरी