गीतिका/ग़ज़ल

अमेठी लुट गयी

खटिया लुट गयी थी आज सेटी लुट गयी
गुजरात क्या गए इधर अमेठी लुट गयी
विधान सभाओं के संग निकाय लुट गए
पूरी ही पार्टी की अब कमेटी लुट गयी
हर हार पर वो छातियाँ को पीट के कहें
ई वी एम वाली ये मत पेटी लुट गयी
अभी तो मार्च माह में थी औंधे मुँह गिरी
निकाय के चुनाव में लेटी लेटी लुट गयी
युवराज को जो ताज देना चाहती थी वो
भारत में ब्याही इटली वाली बेटी लुट गयी
मनोज डागा मोजू 

मनोज डागा

निवासी इंदिरापुरम ,गाजियाबाद ,उ प्र, मूल निवासी , बीकानेर, राजस्थान , दिल्ली मे व्यवसाय करता हु ,व संयुक्त परिवार मे रहते हुए , दिल्ली भाजपा के संवाद प्रकोष्ठ ,का सदस्य हूँ। लिखना एक शौक के तौर पर शुरू किया है , व हिन्दुत्व व भारतीयता की अलख जगाने हेतु प्रयासरत हूँ.