कविता

कविता : सम्भावना बाकी है

मौत का मंजर फ़िज़ाओं में,
पर
इक ज़िन्दगी की खनक बाकी है;
अभी सम्भावना बाकी है।।

छा गया पतझड़ हर उपवन में,
पर
इक कोंपल की महक बाकी है;
अभी सम्भावना बाकी है।।

तन्हाइयों का ख़ौफ़ हवाओं में,
पर
इक मासूम हँसी की खनक बाकी है;
अभी सम्भावना बाकी है।।

गहन तिमिर सुप्त वादियों में
पर
इक नन्ही किरण की चमक बाकी है;
अभी सम्भावना बाकी है।।

बंद हो गए बातों के पिटारे
पर
इक अबूझ पहेली बाकी है;
अभी सम्भावना बाकी है।।

विधिशा राय

विधिशा राय

पति नाम : जितेंदर राय स्थायी पता : Flat no.1104, Tower no.10 Savitry greens, V.I.P. Road Zirakpur Dist. Mohali Punjab whtsapp no.: 9460501869 जन्मतिथि : 18.09.1976 शिक्षा। : M.A. ; B.ed. व्यवसाय। : गृहणी