गीत/नवगीत

गीत

वासना के नगर तो हैं पनपे मगर ,
नेह के गाँव जाने कहाँ खो गए !
  प्यार देकर जिसे सींचते हम रहे –
   फल उसी पेड़ के अब ज़हर हो गए !
ये हवाओं में कैसी घुली है घुटन ,
फूल ही दे रहे शूल की सी चुभन !
आग रिश्तों में ऐसी लगी क्या कहें –
सारे सम्बन्ध जलकर धुआँ हो गए !
   अब किसी के हृदय में तरलता नहीँ
 मन के भीतर तनिक भी सरलता नहीँ
छाँव देते नहीँ अब किसी को “शशी “
लोग तपती हुई दोपहर हो गए !
डॉ. शशि जोशी “शशी”

डॉ. शशि जोशी "शशी"

जन्म-17 जनवरी 1975 माता -पिता -स्व .श्रीमती दुर्गा जोशी एवम श्री मनोहर दत्त जोशी जन्मस्थान -लोहियाहेड ,खटीमा ,जिला -ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड ) शिक्षा -एम॰ ए .(हिंदी एवम राजनीति विज्ञान),बी .एड .,पी .एच .डी . सम्प्रति -शासकीय सेवा (अध्यापन ) प्रकाशन -1-नई उड़ान (ग़ज़ल संग्रह ) 2-गीत मेरे सबके लिए (कविता संग्रह ) 3-हिंदी गज़ल का समीक्षात्मक अध्ययन (शोध पुस्तक ) 4-झरोखा चंद ग़ज़लों का (गज़ल संग्रह ) 5-राम की शक्ति पूजा और संशय की एक रात उक्त संग्रहों के अतिरिक्त दैनिक जागरण ",अमर उजाला ,दैनिक हिंदुस्तान ,पंजाब केसरी .कथादेश ,आधारशिला ,अभिनव प्रयास आदि विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचना प्रकाशन । सम्मान / पुरस्कार -नगर पालिका परिषद खटीमा ,साहित्यानंद परिषद गोला -गोकर्णनाथ खीरी ..बोल्डविन महिला महाविद्यालय बैंगलोर ,आदि विविध संस्थाओं द्वारा सम्मानित ! अखिल भारतीय लघुकथा (जैमिनी अकादमी हरियाणा )अम्बिकाप्रसाद दिव्य पुरस्कार ,शब्दनिष्ठा सम्मान आदि से सम्मानित सम्पर्क -1एल .टी .हिंदी . जी .जी .एच .एस .बाँगीधार .सल्ट (अल्मोडा ) उत्तराखंड मोबाइल -9927555716