“हाइकु”
उड़ते खग
विश्वास अडिग है
उठे न पग॥-1
अंधी दौड़ है
त्रिभंगी ढ़लान है
क्या पहाड़ है॥-2
चिड़िया गाए
डाली डाली शोर है
चित चोर हैं॥-3
सुंदर मैना
चाँदनी संग रैना
रात रानी है॥-4
हँसी सहेली
गृह निशा अकेली
बुझो पहेली॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी