बाल कविता

चलो, करें जंगल में मंगल

चलो, करें जंगल में मंगल,
संग प्रकृति के जी लें दो पल
बतियाएं कुछ अपने मन की,
और सुनें उनके जीवन की

मन से मन की बात बताएं,
और प्रकृति में घुल मिल जाएं
देखो झरने, क्या कुछ कहते,
कल-कल करते बहते रहते

हँसकर फूल बुलाते हमको,
हँसते रहो सिखाते हमको
शान्त झील का दृश्य विहंगम्,
जलचर क्रीड़ा मधुरम् मधुरम्

मोर नृत्य करता, कुछ कहता,
कोयल-कण्ठ मधुर-रस बहता
आसमान के अनगिन तारे,
निश्छल मन से हमें पुकारे

वो देखो बदली घिर आई,
दादुर ने अब टेर लगाई
झम-झम पानी बरस रहा है,
धरती का मन हरस रहा है

सर-सर हवा बही मतवाली,
चहके खग-मृग मनी दिवाली
जंगल में मंगल मन जाए,
काश, कभी कुछ यूँ हो पाए

यूँ तो जंगल बचे कहाँ हैं,
फिर भी ढूँढ़े बचे जहाँ हैं
जंगल में मंगल तब होगा,
जंगल कहीं बचा जब होगा

आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः [email protected]