बाल कविता

बन सकते तुम अच्छे बच्चे

सुबह सबेरे जल्दी जगते,
और रात को जल्दी सोते।
ऐसा करते अच्छे बच्चे,
बन सकते तुम अच्छे बच्चे।

सिट-अप करते, पुश-अप करते,
और तेल की मालिश करते।
कसरत करते अच्छे बच्चे,
बन सकते तुम अच्छे बच्चे।

त्राटक करते, योगा करते,
वॉकिंग करते, जौगिंग करते।
स्वास्थ्य सँवारें अच्छे बच्चे,
बन सकते तुम अच्छे बच्चे।

मात पिता गुरु आज्ञा मानें,
अच्छा बुरा स्वयं पहचानें।
सबको भाते अच्छे बच्चे,
बन सकते तुम अच्छे बच्चे।

दुःख में सुख में सम रहते हैं,
दूजों के ग़म कम करते हैं।
सत्-पथ चलते अच्छे बच्चे,
बन सकते तुम अच्छे बच्चे।

जाति-पाँति से ऊपर उठकर,
मानव-सेवा शिरोधार्य कर।
सेवा करते अच्छे बच्चे,
बन सकते तुम अच्छे बच्चे।

आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः [email protected]