” दिल यों लूट लिये जाते हो ” !!
तुम गुलाब से मुस्काते हो !
दिल यों लूट लिए जाते हो !!
हम सब तुम पर वारी जायें !
ऐसे हाल किये जाते हो !!
अपनी दुनिया तुम तक सिमटी ,
मन बेहाल किये जाते हो !!
तुम बिन पल बेचैन लगे है !
ऐसी ठगी किये जाते हो !!
खुशियों की सौगातें दी हैं ,
यह एहसान किये जाते हो !!
घर आँगन दीवार सजाये ,
अवसर भेंट किये जाते हो !!
मनहारी तुम रूप धरे हो !
दिल का हरण किये जाते हो !
खिली खिली है रंगत ऐसी !
शोखी सभी लिये जाते हो !!
दीवाने से सब लगते हैं !
जी जंजाल किये जाते हो !!
फूलों की फुलवारी फीकी !
सारी महक लिये जाते हो !!
हम भी हुए फकीर जान लो !
खुशियां साथ लिये जाते हो !!