कविता

वक्त का बाजार

निकल पड़ा इक शांम
खरीदने को कुछ
वक्त के बाजार में
थी जहां चहुं ओर
रोशनी ही रोशनी
भीड़ भरी राह में
सजी थी दुकानें
कहीं ऊंची-ऊंची अट्टालिकाओं में
तो…
कही ंगल्ली-चैराहों के
फुटपाथों में
और…
कहीं हल्की-सी झिलमिलाती
रोशनी के बाचों बीच
गलियारों में
दौड़ाई नजर तो…
दूर इक दिखा
फुटपाथ पर पड़ा
ठण्ड से बेहाल इन्सान
उस भीड़ भरे बाजार में
मगन सभी जन मगन
अपने-अपने ही
मनोभाव में
भूल गया
लेने क्या गया था
उस सांझ को
बाजार में
क्योंकि…
एक तरफ हंसी-खुशी और मस्ती है
तो दूसरी तरफ
असहाय व दुःखी इन्सान
पड़ा था राह में समझ आया कि…
यही तो है माया का संसार
कोई भरा यहां भण्डार में
तो कोई पड़ा है अकाल में
निकट जाकर मिला
उस बेबस इन्सान को
सुनी गम्भीरता से
उसकी दुःख-दर्द भरी
वेदना को
किया प्रयास व संकल्प
कि मिटे परेशानी
और मिले राहत
उस असहाय इन्सान को
वक्त के बाजार में
सेवाभाव मिले तो
यही होगी
सच्ची खरीददारी
इस संसार में
विगत वर्ष की
याद में
आगत वर्ष के
खुशहाल पल में
लेते संकल्प
यही हम कि
करें न कभी नजर अन्दाज
जरूरत मन्द इन्सान को!

शम्भु प्रसाद भट्ट 'स्नेहिल’

माता/पिता का नामः- स्व. श्रीमति सुभागा देवी/स्व. श्री केशवानन्द भट्ट जन्मतिथि/स्थानः-21 प्र0 आषाढ़, विक्रमीसंवत् 2018, ग्राम/पोस्ट-भट्टवाड़ी, (अगस्त्यमुनी), रूद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड शिक्षाः-कला एवं विधि स्नातक, प्रशिक्षु कर्मकाण्ड ज्योतिषी रचनाऐंः-क. प्रकाशितःः- 01-भावना सिन्धु, 02-श्रीकार्तिकेय दर्शन 03-सोनाली बनाम सोने का गहना, ख. प्रकाशनार्थः- 01-स्वर्ण-सौन्दर्य, 02-गढ़वाल के पावन तीर्थ-पंचकेदार, आदि-आदि। ग. .विभिन्न क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्र/पत्रिकाओं, पुस्तकों में लेख/रचनाऐं सतत प्रकाशित। सम्मानः-सरकारी/गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के तीन दर्जन भर से भी अधिक सम्मानोपाधियों/अलंकरणों से अलंकृत। सम्प्रतिः-राजकीय सेवा/विभिन्न विभागीय संवर्गीय संघों तथा सामाजिक संगठनों व समितियों में अहम् भूमिका पत्र व्यवहार का पताः-स्नेहिल साहित्य सदन, निकटः आंचल दुग्ध डैरी-उफल्डा, श्रीनगर, (जिला- पौड़ी), उत्तराखण्ड, डाक पिन कोड- 246401 मो.नं. 09760370593 ईमेल [email protected]