कविता : हमें जान से प्यारा है
भारत प्यारा वतन हमारा
हमें जान से प्यारा है
तीन रंग का तिरंगा हमारा
हमें जान से प्यारा है
गंगा की निर्मल धारा
सबके पाप धोती है
कलकल बहते झरनों वाला
हमें जान से प्यारा है
हिमीगिरी उत्तर में खड़ा
रक्षक पर्वतराज हमारा
हमें जान से प्यारा है
सागर चरण पखारे
भारत का मान बढ़ाये
हमें जान से प्यारा है
ऋषि मुनियों का देश
आर्यावर्त हमारा
हमें जान से प्यारा है
गौतम गांधी और सुभाष
भगत बिस्मिल आज़ाद का
हमें जान से प्यारा है
प्रताप के स्वाभिमान का
हम सब के अभिमान का
हमें जान से प्यारा है
गीता कुरान बाइबिल वाला
गुरुग्रंथ साहिब रामायण वाला
हमें जान से प्यारा है
मंदिर मस्जिद गिरजो वाला
ऊंचे ऊंचे परकोटे वाला
हमें जान से प्यारा है
कलाम के सपनों का
ज्ञान विज्ञान कला वाला
हमें जान से प्यारा है
– कवि राजेश पुरोहित
98,पुरोहित कुटी
श्रीराम कॉलोनी
भवानीमंडी
जिला- झालावाड़
राजस्थान
पिन-326502