कविता – इंसानियत
इंसान ने कहा कि मैं न्याय हूं
फिर इंसान ने कहा कि मै अन्याय हूं
अंत में इंसान ने कहा कि
आज किसी में इंसानियत नहीें ।
उधर ये सुनकर सभी पालतू जानवर
गाय, कुत्ता, बिल्ली, बकरी
इंसानों पर हंस रहे थे।
इंसान ने कहा कि मैं न्याय हूं
फिर इंसान ने कहा कि मै अन्याय हूं
अंत में इंसान ने कहा कि
आज किसी में इंसानियत नहीें ।
उधर ये सुनकर सभी पालतू जानवर
गाय, कुत्ता, बिल्ली, बकरी
इंसानों पर हंस रहे थे।