आदमी ने कुत्ते को काटा
“” आदमी ने कुत्ते को काटा “
सुनने में बड़ा अजीब लगेगा पर सच है। सुबह सवेरें जब मैं घूमने निकला तो देखा रोज मेरे पैरों में स्पूर्ति भर देने और हाथ में पत्थर उठा लेने को मजबूर कर देने वाला अपनी गली का स्वामी आज खामोश था ! अब उसने भोकना भी बंद कर दिया। यही सोच रहा होगा कि अब इसको क्या डराना ! ये तो पहले से ही मेरी तरह डरा हुआ है !
अजनबियों के आने कि आहट से तत्पर हो जाने वाले इस वफादार जीव पर भी लगता है अत्यधिक आवाजाही और मालिक की मनमानी रूपी जंक फ़ूड असर है!
अब कभी नहीं सताता ! बड़ी उलझन में फँसा है ! मालिक भी चोर पर भोकने पर पिटता और नहीं भोकनें पर तो कहना ही अश्रु बहा देने वाली बात होगी !!
इन्ही बातों से चिंतित हमेशा खामोश रहने लगा है !!!
जो उसके पास आने से भी डरते थे बच्चे, अब तो उसी को पीटने , दौड़ाते,चढ़ने में लगे रहते है!!!
आज एक नयी बात देखने को मिली – एक आदमी ने यह कहकर उस कुत्ते को काट लिया कि मैं परेशान हूँ और तुम खामोश हो ! तुम्हें भी रोना चाहिए था !
अब वह जीव भी यह सोचकर उस बात को दबाए बैठा है कि पल भर में रोने और कुछ देर में हँसने का माजरा मैं समझ नहीं पा रहा हूँ !
अपना गुस्सा उस वफादार जीव पर निकालने पर भी खामोश वह अधम जीव आज प्रतिक्रिया में उठा भी नहीं !
क्या वफादारी का ये आलम होता है !!
हमने अपने कारोबार बदल दिए !!
आज लगता है उसे तो फिर भी सिखाया जा सकता है और हम ???
या हम, हम न रहकर मैं पर आ गए…..!
‘क्यों आदमी कि आँख में कुत्ता भोंकता है !!
और वो अजनबियों पर वैसे ही भोंकता है-
जैसे कभी……….!!!!!!!
( हरीश धाकड़ )
गांव पोस्ट- स्वरूपगंज
तहसील- छोटीसादड़ी
प्रतापगढ़, राजस्थान