गीतिका
यार नहीं मिलता दिलदार नहीं मिलता
सपनों का कोई संसार नहीं मिलता
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पैसों से जीवन में प्यार नहीं मिलता
सब मिल जाता है पर परिवार नहीं मिलता
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न चूक कभी जाना जब दाँव तुम्हारा हो
जीवन में मौका हरबार नहीं मिलता
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कुछ हासिल करने को संघर्ष जरूरी है
सपना ऐसे ही साकार नहीं मिलता
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यूँ तो राहों में रहबर है कई लेकिन
मुझको तुम जैसा सरकार नही मिलता
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ढूँढू तो केवल मिलती है रुसवाई
मुझको जीवन का आधार नहीं मिलता
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अब कैसे बहारों की बात करूँ क्योंकि
गुलशन भी कोई गुलज़ार नहीं मिलता
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सबपे यकीं करना, कब होता है आसां
साफ यहाँ कोई किरदार नहीं मिलता
रमा प्रवीर वर्मा