सपनों के लिये !!!
क्या आती है
तुम्हें सपनों के लिए
खरीदनी कोई उम्मीद
क्या तुमने लगाई है
किसी सपने को
सोफियाई क्रीम
नहीं ना तो कैसे पूरे होंगे
तुम्हारे सपने
उनका जतन करना सीखो
जिस दिन
तुम प्यार से उन्हें
सहेज़ना सीख जाओगे
यकीं मानो तुम्हारे सपने
अपने आप पूरे हो जाएंगे !!!
प्रिय सखी सीमा जी, कविता बहुत अच्छी लगी. आप सदाबहार काव्यालय के लिए अपनी काव्य-रचनाएं भेज सकती हैं. सटीक व सार्थक रचना के लिए आभार.