गीतिका- मधु बेला
नयीं किरणें ….दिवाकर मुस्कुराया है
अरे देखो ज़रा …….ये कौन आया है
खिले से फूल, महकी हैं, सभी कलियाँ
धरा पर स्वर्ग, देखो……आज छाया है
सुहानी भोर …….पल्लव हैं नये लहरें
फ़िजा ने, गीत प्यारा ….आज गाया है
उठो जागो, सभी तुम…..नींद से प्यारो
भला क्यूँ आज भी, आलस दिखाया है
बङी अनुपम, मधु बेला …..सजी देखो
मधुर पल ने, सभी का मन ..लुभाया है
करें स्वागत, चलो मिलकर, सभी आओ
नया ये साल, खुशियाँ खूब ….लाया है
— डाॅ सोनिया गुप्ता