आओ मिलकर याद करें
आओ मिलकर याद करें ;
कुछ दिल से भी फरियाद करे
हम खुश बैठे अपने घर पर;
वे सीमाओं पर अड़े रहे।
हम अपने घर में सोते है ,
वे देख दशा अब रोतें है,
भाई भाई को काट रहे ;
माता का आँचल बाँट रहे।
कुत्ते संग झूला झूल रहे,
माँ बाप की सेवा भूल रहे।
आओ हम संकल्प करें,
फिर स्वयं पर अपने गर्व करें।
हम जीरो से शुरुआत करें;
केवल बैठे ना बात करें।
हम आज अभी से जुट जाएँ,
हर दिन कुछ अच्छा कर आएं।
हम उन वीरों को याद करें ,
कुछ देश भक्ति की बात करें।
हम हर सैनिक को नमन करें…
— ‘धाकड़’ हरीश