” —————————— या फिर ऐक अदा है ” !!
मुस्काना है सहज तुम्हारा , या फिर एक अदा है !
हौले से लहरा जाना है , या फिर एक अदा है !!
खूब हवा संग बातें होती , नख़रे हवा हवाई !
अँखियों का टकरा जाना है , या फिर एक अदा है !!
अधरों पर देखी अगवानी , लज़्ज़ा के डोरे भी !
इसे कहें हम एक भुलावा , या फिर एक अदा है !!
यहां हवा में बातें उड़ती , होती तनातनी है !
अफवाहों की सरगर्मी है , या फिर एक अदा है !!
हर कोणों से लगे लुभावन , मोहक मनमोहक से !
ऐसा प्यार छुपा है मन में , या फिर एक अदा है !!
गन्ध उड़ी है सन्दल सन्दल , बहका अंतरमन है !
जुल्फों का है खेल निराला , या फिर एक अदा है !!
बृज व्यास