” —————————— गढ़ ली नई कहानी ” !!
आज लबों पर लिख दी तुमने , मीठी नई कहानी !
मैं तो डूबी रसधारे में , भीगी नई कहानी !!
मैं ओढूंगी लाल चुनरिया , हुई बावरी ऐसी !
आज पवन ने बहकाया तो , सुन ली नई कहानी !!
जो कहना है , कह लो , सुन लो , मुझको होश कहाँ है !
सबने अपने मन की कर ली , गढ़ ली नई कहानी !!
ढोल ढमाके , कहीं बजे हैं , कहीं बजी शहनाई !
कहीं मधुर गीतों ने फिर से , रच दी नई कहानी !!
मदिर गन्ध है पुष्प बिखेरे , मौसम बहका बहका !
तुमने मतवारी आंखों से , कह दी नई कहानी !!
तन नाचे है , मन नाचे है , साथ मिला कुछ ऐसा !
सबने मिलकर जिसे सराहा , मेरी नई कहानी !!
गम के साये मंडराये और , जब उदासियाँ छाई !
मुस्कानों का सम्बल देकर , हंस दी नई कहानी !!