कविता

सैनिक की पाती

दिन-ब-दिन बढ़ती जाती कश्मीर समस्या,
अब इसको सुलझाने दो
सेना को आगे बढ़ने दो

खूब खा लिये पत्थर उनसे,
अब सबक सिखाने दो
दुश्मन पर कहर ढहाने दो

शांतिवार्ता होती रही विफल हमेशा,
अब लातों के भूतों को लातों से समझाने दो
वे जेहादी दानव हैं उनको हमें मिटाने दो

घात लगाकर पीछे से करते हैं वार,
अब हमको परमीशन दो
उनको उनकी औकात बताने दो

खूब सहा है खूनी ताण्डव,
अब और अधिक न संकट की घड़ी आने दो
हमें रण का बिगुल बजाने दो

श्वेत घाटी हो चुकी सुर्ख – लाल,
अब इसका रंग बदलने दो
हमें कश्मीर समस्या हल करलेने दो

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111