होली मा
होली मा कोई घोटाला करौ, होली मा
एक दूजे पर कीचड़ डालौ,
एक दूजे मा दोष निकालौ ,
राजनीति, मुँह काला करौ,होली मा
होली मा कोई…………….
संत बनौ ,योगा सिखलाओ।
देशवाद कै पाठ पढ़ाओ ।।
बे सिर पैर बवाला करौ ,होली मा
होली मा कोई……….
नीरव रहौ ,माल तुम काटौ,
भाय बहिन मा हिस्सा बाँटौ,
फिर चुपके देश निकाला करौ,होली मा
होली मा कोई……….
—————डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी