कविता

होली

होली की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌻 🌸🌻

रंग नहीं पूछते हमसे नाम
ना ही पता हमारा
हमारे छूते ही हो लेते हैं हमारे
रंगीन कर देते हैं सूत और रेशम
नहीं परखने जाते हैं
फितरत या कीमत
यह जिस पर चढ़ जायें
निशान तो नहीं
छाप छोड़ जाते हैं
कि याद आते ही जिनकी
मन अबीर गुलाल हो जाता है
दिल खिल-खिल जाता है….

–शिप्रा खरे

शिप्रा खरे

नाम:- शिप्रा खरे शुक्ला पिता :- स्वर्गीय कपिल देव खरे माता :- श्रीमती लक्ष्मी खरे शिक्षा :- एम.एस.सी,एम.ए, बी.एड, एम.बी.ए लेखन विधाएं:- कहानी /कविता/ गजल/ आलेख/ बाल साहित्य साहित्यिक उपलब्धियाँ :- साहित्यिक समीर दस्तक सहित अन्य पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित, 10 साझा काव्य संग्रह(hindi aur english dono mein ) #छोटा सा भावुक मेरा मन कुछ ना कुछ उकेरा ही करता है पन्नों पर आप मुझे मेरे ब्लाग पर भी पढ़ सकते हैं shipradkhare.blogspot.com ई-मेल - [email protected]