नारी के सम्मान का विचार होना चाहिये
नारी नाड़ी की तरह करती है हर काम
नारी के सम्मान का विचार होना चाहिये
पुरुष प्रधान सदियों से है समाज यह
नारी आगे लाने पर विचार होना चाहिये
परंपरा छोडो अब जोड़ो नाता नारी से
नारी सब का तो उद्धार होना चाहिये
ठान ले अगर कुछ करने का जग में तो
लाख-लाख बधाये सिरोधार होना चाहिये
बढ़ रही नारी अब धीरा-धीरे जग में तो
इसका भी खूब अब प्रचार होना चाहिये
सदियों से नारी कभी रही नही पिछे
रुढ़ीवादियों को अब उदार होना चाहिये
कल्पना आकाश चुमे मानुषी भी जग चुमें
अब इन सब पर विचार होना चाहिये
मीरा बाई, महादेवी, झाँसी की रानी थी कभी
लाल बिहारी की बातों पर विचार होना चाहिये
— लाल बिहारी लाल, नई दिल्ली