कविता – अग्नि परीक्षा
कल्पना चावला सी बेटियाँ
अंतरिक्ष मे सफर करती है
इंदिरा सी होती है बेटियाँ
राजनीति में नाम करती है
पी टी उषा बन दौड़ लगाती
देश का नाम रोशन करती है
निवेदिता बन सेवा करती
सबको शिक्षा से जोड़ती है
मदर टेरेसा बन सेवा करती
सबको निरोग बनाती है
गार्गी जैसी विदुषी बनती
शास्त्र ज्ञान में अव्वल आती
सीता सी पतिव्रता बन ये
पल पल अग्नि परीक्षा देती
मीरां सी भक्ति में खो जाती
कृष्ण नाम का सुमिरण करती
वसुंधरा बन गौरव बढ़ाती
प्रतिभा बन उच्च पद पाती
मीरा कुमार,मायावती ममता
जैसी राजनैतिक पद पाती
फाइटर प्लेन उड़ाने वाली
अवनी चतुर्वेदी सी बनती
तीजन बाई बन कर जग में
पंडवानी गायन खूब गाती
लता सी मधुर स्वरों में ये
गीत औऱ ग़ज़ल गुनगुनाती
फ़िल्म जगत में जब जाती
अदाकारी से दिल जीतती
सुष्मिता सेन प्रियंका चोपड़ा
जैसी विश्व सुंदरी बन जाती
— कवि राजेश पुरोहित