नि:शब्द संसार
तुम शब्द हो
और मैं अर्थ
तुम हो तो मैं हुं
शब्द बिन अर्थ बेकार
निशब्द संसार
तुम प्रीत हो
और मैं जोगन
तुम हो तो जीवन रोशन
प्रीत बिन जोगन निराधार
निशब्द संसार
तुम सुर हो
और मैं ताल
तुम संग सुरमय दिनरात
सुर बिन ताल एक विलाप
निशब्द संसार
तुम दिल हो
और मैं जान
सांसे धडकन की पहचान
दिल बिन जान, मौत का समान
निशब्द संसार
तुम किताब हो
और मैं पन्ना
बूंदो का एक झरना
किताब बिन पन्ना बेजुबान
निशब्द संसार !
— जयति जैन “नूतन”