” अधरों पर मुस्कान ” !!
आज शरारत आंखों में है , अधरों पर मुस्कान !
दिल है बेईमान ज़रा सा , अधरों पर मुस्कान !!
अब ईमान कहाँ बाकी है , नीयत सबकी बदली !
रोज ठगे जाते हैं फिर भी , अधरों पर मुस्कान !!
यहां मुखोटों के पीछे है , चेहरों की ठिठौली !
बड़ी कठिन पहचान मगर है , अधरों पर मुस्कान !!
कोरे वादे बड़े लुभावन , ख़ूब यहां मिलते हैं !
रोज़ छलावों में उलझे हैं , अधरों पर मुस्कान !!
किस्मत रंग बदलते देखी , तपे अगर सोने से !
भेद दिया है हमने तमको , अधरों पर मुस्कान !!
दाग़दार है दामन सबके , काजर यहां वहां है !
बचकर रहना सीख रहे हैं , अधरों पर मुस्कान !!
हार जीत की सौदेबाज़ी , कौन कहें हम हारा !
ना तन हारे , ना मन हारे , अधरों पर मुस्कान !!