” तू मेरी मुस्कान है ” !!
मनोहारी छवि तेरी ,
लाड़ लड़ाए ऐसा !
भूल जाऊँ दुख सारा ,
स्पर्श मिले तब ऐसा !
तुझमें लगे समाया ,
जीवन का यशगान है !!
निर्मल , निश्छल , निर्झर ,
बहे नेह का तेरा !
सूरज तो उगता है ,
बिन तेरे नहीं सवेरा !
गीत , मीत सब भुला ,
तू मेरा मधुगान है !!
कल जाने क्या होगा ,
इसकी भान है इतना !
तू होगी संरक्षक बस ,
जान सका हूँ इतना !
मेरा सब कुछ तेरा ,
तू मेरा अभिमान है !!