” ——————————— तेरा रूप सलोना ” !!
तेरी किलकारी से गूंजे , घर का कोना कोना !
सबकी आंखों में बसता है , तेरा रूप सलोना !!
मैं थकहारा सबसे हारा , तुमसे पाता खुशियां !
तुम जानो अनमोल रतन बस , मिले भाग से हो ना !!
सपने सभी मुदित हैं लगते , नई नई आशाऐं !
समय सदा बहलाता हमको , देकर हाथ खिलौना!!
खेल निराले मन को भाये , पल पल लगे अनूठे !
प्यारभरी गलबहियां डाले , सुखदा बने बिछौना !!
बड़े सरस हो बड़े सरल हो , वारी वारी जाएं !
मैं तो जैसे दास कबीरा , जीवन धन तुम हो ना !!
आज हाथ में हो ना हो पर , कल होगा हाथों में !
लिये हाथ में हाथ हमारा , अभी साथ तो दो ना !!
छू सकते हो खुले गगन को , भाव जगाये रखना !
उम्मीदों के सुमन सभी तुम ,अपनी माल पिरोना !!