“दोहा”
चक्र सुदर्शन जोर से, घूम रहा प्रभु हाथ
रक्षा करें परमपिता, जग के तारक नाथ।।-1
जब जब अंगुली पर चढ़ा, चक्र सुदर्शन पाश
तब तब हो करके रहा, राक्षस कुल का नाश।।-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
चक्र सुदर्शन जोर से, घूम रहा प्रभु हाथ
रक्षा करें परमपिता, जग के तारक नाथ।।-1
जब जब अंगुली पर चढ़ा, चक्र सुदर्शन पाश
तब तब हो करके रहा, राक्षस कुल का नाश।।-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी