याद हर वक्त जो आये तो नशा बन जाये
याद बेवक्त जो आये तो सजा बन जाये ।
याद हर वक्त जो आये तो नशा बन जाये ।
बनके अहसास जो घुल जाती है तू दिल मे,
मेरी हर बात मुहब्बत की अदा बन जाये ।
नूर है, रब है, इबादत है या खुशबू तू,
तेरी हसरत जो उठे दिल मे दुआ बन जाये ।
राहे दिल पे ये तजुर्बा है हुआ मुझको,
इश्क जिसको भी तराशे वो खुदा बन जाये ।
मेरे महबूब तेरे दम से कभी ऐसा हो,
हर रजा तेरी ही मेरी रजा बन जाये ।
नीरज निश्चल