” कह दो ज़माना हो गया ” !!
यादें खड़ी , ले आइना , कह दो ज़माना हो गया !
हम तुम मिले , लग कर गले , रिश्ता निभाना हो गया !!
शिकवे गले किससे कहें , कोई यहां सुनता नहीं !
कुछ तुम कहो , कुछ हम कहें , यह भी बहाना हो गया !!
मौसम लगे है बदगुमां , उठने लगे , तूफाँ कई !
ऋतुएं ढले , खुशबू पले , कहते फ़साना हो गया !!
हम लड़ रहे हैं बात बिन , कोई इसे समझे नहीं !
बीता हुआ , भूले नहीं , किस्सा पुराना हो गया !!
उछले हवा में हैं कई , नारे यहाँ बदनाम से !
रहते रहे हैं साथ हम , रस्में निभाना हो गया !!
नेता कहां अपने हुए , नीयत कहाँ अपनी हुई !
माँ को कहा ना माँ यहाँ , कहते डराना हो गया !!
नीरद कहे सुन लो ज़रा , बांधें रहें इस गांठ को !
नारा लगे जंय हिन्द का , जैसे तराना हो गया !!