कविता

कविता – माँ के कदमों में जन्नत है

माँ के कदमों में जन्नत है…..

माँ की सेवा ही  सबसे बड़ी होती है।

माँ के कदमों में छिपी जन्नत होती है ।।

नहीं कहती माँ मुझे पूजो बेटे बेटियों।

उसकी इबादत में छिपी खुशी होती है।।

आकर भले देता खुदा संस्कार कौन देता।

जो तहजीब सिखाए वह माँ ही होती है।।

खुद दुनियां के सितम सह लेती हज़ारों ।

पर रिश्तों की माँ से ही हिफाज़त होती है।।

करिश्में दिखाती है माँ हज़ारों देख लीजिए।

यूँ ही माँ किसी पर मेहरबान नहीं होती है।।

कवि राजेश पुरोहित

डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email [email protected]