गौ संरक्षण
कोलकाता में गायों को बचाने के लिए सेल्फी विद ए काऊ अभियान प्रतियोगिता में एनजीओ सेवा परिवार का कथन है कि गौ संरक्षण को धर्म या राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए | गायों को सामाजिक व वैज्ञानिक उपयोगिता के नजरिए से भी बचाने की जरुरत है | वही देशी गायों को बचाने वाली राष्ट्रीय नीति बने के साथ देश भर में देशी नस्ल की गायों की संख्या में तेजी से आ रही कमी पर राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी ) की चिंता करने के साथ राष्ट्रीय नीति तैयार करने की पहल सराहनीय है| रुसी वैज्ञानिक शिरोविच ने कहा था कि गाय का दूध में रेडियों विकिरण से रक्षा करने की सर्वाधिक शक्ति होती है । गाय का दूध एक ऐसा भोजन है जिसमे प्रोटीन कार्बोहाइड्रेड ,दुग्ध ,शर्करा ,खनिज लवण वसा आदि मनुष्य शरीर के पोषक तत्व भरपूर पाए जाते है । गाय का दूध रसायन का करता है । ऐसे जानकारियां वैज्ञानिकों शोध की एवं धार्मिक ग्रंथों में दर्शित है | आज भी कई घरों में गाय की रोटी रखी जाती है । कई स्थानों पर संस्थाएं गौशाला बनाकर पुनीत कार्य कर रही है । जो की प्रशंसनीय कार्य है । गौ रक्षा पालन संवर्धन हेतु सामाजिक धार्मिक संस्थाएं एवं सेवा भावी लोग लगातार संघर्षरत है । दुःख इस बात का भी होता है की कुछ लोग गाय को आवारा भटकने बाजारों में छोड़ देते है । उन्हें इनके भूख प्यास की कोई चिंता ही नहीं होती । लोगो को चाहिए की यदि गाय पालने का शौक है तो उनकी देखभाल भी आवश्यक है क्योकि गाय हमारी माता है एवं गौ रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है ।
— संजय वर्मा “दृष्टी “
मनावर जिला -धार