नव परिवर्तन लाना होगा
जंग लगे सारे विधान हैं ,
नव परिवर्तन लाना होगा !
शेरों को चिड़िया घर दे दो,
बंदर वन पे राज करेंगे ।
हुदहुद के बच्चों की सेवा,
जब बलशाली बाज करेंगे।
कुछ सियार पट्टों के बल पर,
वन वन हुआ हुआ गायेंगे ,
वन वाराहों के कारण जब ,
निर्वासन गजराज करेंगे ।
फिर सब उल्टा पुल्टा होगा,
उस वन को मुरझाना होगा ।
जंग लगे सारे …………..
कुंद धार की तलवारो से,
युद्ध नही जीते जाते हैं।
जो संघर्ष नही करते वह ,
निज बल जान नही पाते हैं।
मन से भीरु व्यक्तियों का,
यह हाहाकार निर्रथक होगा,
बंदर के खिखियाने भर से
क्या वनराज सहम जाते हैं ?
प्रतिभा की अनदेखी करने –
का फिर मूल्य चुकाना होगा ?
जंग लगे सारे………..
गला दबाकर पटुवक्ता का,
उसे तोतला कर डालोगे !
सत्ता के लालच में पड़कर
हाय भला क्या कर डालोगे?
एक शिखंडी के कारण फिर,
कितने भीषम भूमि गिरेंगे?
अंधनीति में अंधे होकर ,
देश खोखला कर डालोगे
तुष्टिकरण की नीति न छोड़ी ,
तो तुमको पछताना होगा ।
जंग लगे सारे……………….
——-©डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी