कुण्डलियाँ
भावी पीएम देश के, देखो एक कतार
सबके सब उन्नीस में, कुर्सी चढ़ेंगे यार
कुर्सी चढ़ेंगे यार, जो जनता देगी तोफ़ा
पीएम की कुर्सी का, बन जाएगा सोफ़ा
कह पुनीत कविहाय, देश पे होंगे हावी
इक कुर्सी पर बैठें, कितने पीएम भावी?
बिल्ली नागिन लोमड़ी, बन्दर गधा सियार
बोले सब समवेत सुर, खड़ी करो सरकार
खड़ी करो सरकार, प्रथा ये लाओ न्यारी
बनेंगे पीएम छह छह, महीने बारी- बारी
कह पुनीत कवि पहुंचे भले ही सारे दिल्ली
बन्दर बांट में रोटी, तो बस खाये बिल्ली।
— पुनीत नई देहलवी