“कता”
दुनियाँ समाई अर्थ में कैसी समझ कहें।
जब अर्थ का भी अर्थ है कैसी समझ कहें।
चिपकाते ही जा रहे हैं द्विअर्थी दीवार पर-
कहते सुनो जी अर्थ की कैसी समझ कहें।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
दुनियाँ समाई अर्थ में कैसी समझ कहें।
जब अर्थ का भी अर्थ है कैसी समझ कहें।
चिपकाते ही जा रहे हैं द्विअर्थी दीवार पर-
कहते सुनो जी अर्थ की कैसी समझ कहें।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी