पत्नि मेरी मायके गयी है
श्रीमती जी मेरी मायके गयी है
खरी खरी वो मुझे सुनाके गयी है
आते है रात में खौफनाक सपने
आके बताऊंगी कसम खाके गयी है
फिर भी हूँ मैं अभी बेखौफ उनसे
कुछ दिन ही सही , मजा दे गयी है
मुझसे ना हो , हरकते उटपटांग
बगल वाली को समझायके गयी है
होगी मेरी हर चीज की निगरानी
कमरो में कैमरे लगवाए के गयी है
पत्नी है या सी बी आई अधिकारी
जगह जगह खुफिया लगा के गयी है
वो मायके में खूब गुलछर्रे उड़ाएगी
खातिर इसके वो पैसे दबाएके गयी है
— संदीप चतुर्वेदी ” संघर्ष “