कविता :- मोहब्बती किस्से
जो मोहब्बत में फना हुए
जरा दिल में जगह दो ।
काँटों में घिरा था कैसे
वो मखमली गुलाब
तितली बन छू आने के
किस्सों को सुना दो ।
सबक क्या क्या सीखे
मोहब्बत में मजनू ने
राझें की कैसी थी रातें
एक आशिक़ को बता दो ।
रूमानी तकलीफों में भी
इश्क़ आहें भरा था
किस्से कहानी सुने हैं जितने
सुने सुने से किस्से हैं सारे
कक्षा में सभी पढ़ा दो ।।।
— जयति जैन “नूतन” —-