पानी की टोटी
भीषण गर्मी पड रही थी | चमन अपनी साईकिल से बाजार में किसी काम से घूम रहा था | उसे बड़े जोरो की प्यास लगी | उसने इधर-उधर नजर दौड़ाई तो एक पानी की टंकी दिखाई दी, पास जाकर टोटी घुमाई तो टंकी खाली थी | थोडा और आगे जाने पर चमन को दूसरी टंकी दिखाई दी | पास जाकर देखा तो यह भी पहली वाली की तरह ही निकली | हताश-निराश चमन हाँफता हुआ थोड़ा और आगे बढ़ा तो उसे फिर एक टंकी दिखी, उस पर एक व्यक्ति मुंह – हाश धो रहा था | यह देख चमन पास ही में एक पेड के नीचे खड़ा होकर उस व्यक्ति के जाने का इंतजार करने लगा | कुछ समय बाद वो व्यक्ति पानी की टोटी चालू हालत में छोड़कर चला गया | चमन ने पानी पिया और टोटी बंद कर आगे अपने काम से चल दिया |
चमन को उस व्यक्ति का इस तरह टोटी चालू छोडना अच्छा नहीं लगा, तभी चमन को एक और टोटी खुली दिखी जिससे लगातार पानी बह रहा था | चमन ने टोटी बंद की और सोचने लगा | लोगों के इस तरह के व्यवहार से काफी पानी बर्बाद हो रहा है | इसीलिए अधिकांश प्याऊ की टंकियाँ हमेशा खाली रहती हैं | क्यों न ऐसा कुछ किया जाये कि लोग टोटी बंद करना न भूलें | उसके दिमाग में एक आईडिया आया –
घर पहुंचने पर अपने लैपटॉप पर उसने एक पोस्टर तैयार किया, जिस पर लिखा था ‘कृपया पानी पीकर टोटी बंद करना न भूलें’ | पोस्टर की कई प्रतियां प्रिंट कराईं और साईकिल लेकर निकल पड़ा अपने शहर में उसे जहाँ भी प्याऊ नजर आती उसी पर एक पर्चा चिपका देता | शाम तक तमाम जगहों पर उसने पर्चे चिपका दिये |
दूसरे दिन अपने काम का असर देखने चमन शहर गया | उसने देखा एक भी टोटी उसे खुली हालत में नहीं मिली | एक जगह उसने रूक कर देखा | एक व्यक्ति पानी पीता है और थोड़ा आगे बढ़ जाता है, तभी वो वापिस लौटता है, पर्चा पढता है और पानी की टोटी बंद कर चला जाता है | यह देख चमन बहुत खुश होता है | आखिर उसके एक छोटे से प्रयास ने उसके शहर की दम तोडती प्याऊओं को बचा लिया |