कविता

नैतिकता का ह्रास

राष्ट्र में अधिकांश भ्रष्टाचार फैला जा रहा है।
नित्य ही नैतिकता का नाश होता जा रहा है।।
मानवों में बढ़ रही कुछ ऐसी विषमता है।
शिष्टाचार शालीनता का नहीं कोई पता है।।
आतंकता अश्लीलता नित्य बढ़ती जा रही है।
घायल हमारे राष्ट्र की आत्मा होती जा रही है।।
गरिमा राष्ट्र की क्षण-क्षण घटती जा रही है।
अफसोस कि कोई सोचने को तैयार नहीं है।।
पूर्व में संस्कृति यहाँ की मानवों में देवत्व लाती।
शुभ-आचरण  सद्भावनाऐं  यह सब में  जगाती।।
पर नहीं है ध्यान हमको राष्ट्रीय अपनत्व का है।
हो रहा पतन आज यह  चारित्रिक स्तर का है।।
विश्ववन्द्या राष्ट्र का गौरव बढ़ाना है हमें।
तो•••
उच्च राष्ट्रीयता का ज्ञान समझना होगा हमें।।
चहुं ओर फैले भ्रष्टाचार का मिटाना होगा हमें।
नैतिकता राष्ट्रीयता का आदर्श बढ़ाना है हमें।।
तभी यह राष्ट्र फिर  विश्वगुरू बन सकेगा।
और—
हर ओर विकास की पूर्णता को पा सकेगा।।
— शम्भु प्रसाद भट्ट “स्नेहिल”

शम्भु प्रसाद भट्ट 'स्नेहिल’

माता/पिता का नामः- स्व. श्रीमति सुभागा देवी/स्व. श्री केशवानन्द भट्ट जन्मतिथि/स्थानः-21 प्र0 आषाढ़, विक्रमीसंवत् 2018, ग्राम/पोस्ट-भट्टवाड़ी, (अगस्त्यमुनी), रूद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड शिक्षाः-कला एवं विधि स्नातक, प्रशिक्षु कर्मकाण्ड ज्योतिषी रचनाऐंः-क. प्रकाशितःः- 01-भावना सिन्धु, 02-श्रीकार्तिकेय दर्शन 03-सोनाली बनाम सोने का गहना, ख. प्रकाशनार्थः- 01-स्वर्ण-सौन्दर्य, 02-गढ़वाल के पावन तीर्थ-पंचकेदार, आदि-आदि। ग. .विभिन्न क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्र/पत्रिकाओं, पुस्तकों में लेख/रचनाऐं सतत प्रकाशित। सम्मानः-सरकारी/गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के तीन दर्जन भर से भी अधिक सम्मानोपाधियों/अलंकरणों से अलंकृत। सम्प्रतिः-राजकीय सेवा/विभिन्न विभागीय संवर्गीय संघों तथा सामाजिक संगठनों व समितियों में अहम् भूमिका पत्र व्यवहार का पताः-स्नेहिल साहित्य सदन, निकटः आंचल दुग्ध डैरी-उफल्डा, श्रीनगर, (जिला- पौड़ी), उत्तराखण्ड, डाक पिन कोड- 246401 मो.नं. 09760370593 ईमेल [email protected]