करतार किसके लिए
इक नया जन्म करतार किसके लिए
रोज खेलते है किरदार किसके लिए
हो गया है जहाँ आज इतना निडर
कब उठा दे वो हथियार किसके लिए
बैंक का कर्ज लेकर चले जो गये
भागते है वो म्यामार किसके लिए
दर्दं हर शख्स का दूर होये न तो
क्यो बनी है ये सरकार किसके लिए
आबरू लाड़ली की बिकी राह पर
हो गयी रूह फिर खार किसके लिए